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समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
Breaking News घोटाला, जो जरूरी खबरों को सुर्खी नहीं बनने देता
एक ऐसे समय में जब हमारे चारों तरफ मीडिया और ख़बरों का बोलबाला हो अक्सर ही वो खबरें नकार दी जाती हैं जो हमसे जुड़ी हैं और हमें वो ख़बरें दिखाई जाती हैं जिनका हमसे दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं है.
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गर्व नहीं, शर्म बन गयी व्हाट्सऐप में उलझी पत्रकारिता!
मौजूदा वक़्त की पत्रकारिता शर्मसार करने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब पत्रकारिता फेसबुक और व्हाट्सऐप के भरोसे हो तब न तो ख़बरों में विश्वसनीयता ही बचती है और न ही उस खबर की नैतिकता.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
विनीत कुमार
@vineet.dubey.98
जब CNN ने की एक न्यूज ब्रेक करने की आलोचना...
इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के बीच हर खबर को सबसे पहले ब्रेक करने की जब आपाधापी मची है, ऐसे में CNN की ओर देख लेना जरूरी है जहां उसने खुद की ब्रेक की हुई खबर की खुद ही आलोचना की है.
ह्यूमर
| 2-मिनट में पढ़ें
चंदन कुमार
@ChandanK.Journalist
व्यंग्य: सनी लियोन नहीं, उनके 'कंडोम' से बढ़ेंगे रेप
लेफ्ट का नेता हो या राइट का... उसे कंडोम से क्या लेना-देना!!! कंडोम तो हमेशा 'सेंटर' में रहता है. फिर इस पर राजनीति क्यों??? लगता है नेताजी कभी बिंदास 'कंडोओओम' बोले ही नहीं.